

*उत्तर-पूर्व में शौचालय वास्तु दोष के साथ साथ बहुत अधिक मानसिक कष्ट देता है* कहीं आप मानसिक तनाव से ग्रसित है, क्या आपका व्यापार घाटे में जा रहा है , कर्ज और बीमारी आपका पीछा नहीं छोड़ती , अपने बच्चों की पढ़ाई और उनके करियर को लेकर चिंतित है , इन सब बातों का कारण वास्तु दोष हो सकता है। और इसमें सबसे बड़ा वास्तु दोष उत्तर पूर्व में बना शौंचालय होता है , अगर कुंडली में 2 घर का उप नक्षत्र स्वामी राहु होता है या राहु २ घर में बैठा होता हो तो ईशान कोण में वस्तु दोष जरूर होता है और अगर राहु के दशा से चल रही हो तब तो ये और प्रभावी हो जाता है। शौंचालय राहु से सम्बंधित होता है , यानि की नकारात्मक ऊर्जा ईशान कोण (उत्तर पूर्व दिशा) बहुत ही पवित्र दिशा है , ईशान कोण यानि की देव का दिशा यहाँ भगवान शिव का वास होता है यहाँ वास्तु पुरुष का मस्तिस्क होता हैं और यहाँ से आने वाली चुम्बकीये ऊर्जा बहुत ही पवित्र होती है और इसे पवित्र रखना चाहिए। अगर इस जगह पर शौंचालय होता है तो ईशान कोण से आने वाली चुम्बकीये ऊर्जा नकारात्मक हो जाती हैं। , ईशान कोण जल तत्व है और शौंचालय पृथ्वी तत्व है पृथ्वी का काम है जल को सोख लेना यानि की पृथ्वी जल के लिय विरोधी तत्व का काम करता है साथ ही साथ शौंचालय राहु है जिससे इस दिशा से आने वाली सभी सकारात्मक ऊर्जा यानि की दैविक ऊर्जा ख़त्म हो जाता है और राहु की ऊर्जा में वृद्धि हो जाता है और इस वजह से घर में रहने वाले सभी लोगो के मन नकारात्मक विचार आने लगते है और साथ ही साथ शौंचालय dispose करने का काम करता है जिससे की हमारे मन में , दिमाग में जो भी अच्छी विचार आते है वो सब ख़त्म हो जाते है या बर्बाद हो जाते है और अपने जीवन में कुछ नया नहीं कर पाते है। जिससे घर में कई तरह की परेसानी आने लगती है.... www.shivshaktijyotish.co.in www.jyotshi.com
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