

*★★ज्योतिष उपाय ग्रुप की प्रस्तुति समसामयिक ज्योतिष-झरोखा -* *☆☆ ग्रहयोग - सितम्बर 2020, युद्ध के बादल* •• दुनियाँ में तनाव अपने चरम पर है । कई देशों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं । अमरीका में रंग-भेद के नाम पर, बेलारूस में इलेक्शन की धाँधली के नाम पर, बेरुत में सरकार के फेल होने के नाम पर, हॉंगकॉंग में लोकतंत्र के नाम पर, पाकिस्तान में महँगाई के नाम पर और यूरोप के कई देशों में विभिन्न मुद्दों पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं । इधर चीन अपनी विस्तार वादी नीतियों के कारण कई देशों से उलझ रहा है । इनमें भारत प्रमुख है । जापान, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, फिलीपीन, ताइवान और अमरीका से उसके प्रबल मतभेद चल रहे हैं । ये सब देश - चीन से युद्ध की आशंका को लेकर अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हैं । इससे इन सभी देशों में अफरा-तफरी मची हुई है । फलस्वरूप सारी दुनियाँ एक तनाव को झेल रही है । सूर्य अपनी राशि मे है अर्थात राजा अपने सिंहासन पर है । महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा रहे हैं । फलस्वरूप क्वाड ग्रुप हरकत में है । भारत की सेना ने लद्दाख में आगे बढ़कर ऊँची चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया है और अब चीन और भारत की सेना आमने-सामने है । चीन ने इन चोटियों को खाली करने की चेतावनी दी है । लेकिन भारत पीछे नही हटेगा । फलस्वरुप युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है । ऑस्ट्रेलिया ने अपनी नेवी को हिन्द-महासागर के करीब तैनात कर दिया है और चीन की किसी भी हरकत को रोकने को तैयार दिखता है । जापान ने मिसाइलें तान दी है और चीन को चेतावनी दी है कि - विवादित टापु के मामले में टाँग ना अड़ाएं अन्यथा युद्ध के लिये तैयार रहे । अमरीका इन सभी देशों के साथ खड़ा है और किसी भी आपातकालीन स्थिति में चीन पर हमला करने देर नही करेगा । उसके विमान-वाहक पोत, सबमरीन, लड़ाकू जहाज दक्षिण चीन सागर में गश्त कर रहे है । ये चारों देश क्वाड के सदस्य है । जो चीन के विरुद्ध साथ-साथ है । इसके अलावा ताइवान के अपने तेवर है, रूस के अपने तेवर हैं और वियतनाम के अपने तेवर हैं । लेकिन - जब तक सूर्य सिंह-राशि मे है - सभी प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष निर्णायक स्थिति में होंगे और उन्हें अन्तिम निर्णय कर लेने होंगे । गुरु बृहस्पति के मार्गी होते ही वो निच्चाभिलाषी हो जायेगा और निर्बल माना जायेगा । इसके साथ ही कूटनीति, सन्धि, बातचीत और प्रयासों का समय समाप्त हो जायेगा । मंगल पर अपनी पंचम दृष्टि से गुरु बृहस्पति, युद्ध की योजनाओं को अन्तिम रूप दे देगा । इससे मंगल का विध्वंस आरम्भ हो जायेगा । 13 सितम्बर को गुरु बृहस्पति मार्गी होगा और 21 सितम्बर को शनि मार्गी होगा । इसके साथ ही भाविष्य के मार्ग सुलभ हो जायेंगे । जिसमे गुरु बृहस्पति - शाँति कायम करने में निष्फल होगा और शनि उथल-पुथल से भरे मार्ग को प्रशस्त करेगा । मंगल का विध्वंस सहज होगा और राहु-केतु अचानक घटनाओं की रूपरेखा रचेंगे । सूर्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद आगे की ओर अग्रसर होगा - कन्या-राशि मे और निर्णय अमल में आने शुरु हो जायेंगे । इजराइल और ईरान, ग्रीस और तुर्की तथा सीरिया और लीबिया भी आपस मे युद्ध के लिये पोजिशन ले रहे हैं । अमरीका के सेटेलाइट विभिन्न देशों पर अपनी पैनी दृष्टि गड़ाये हुये है और कौन सा देश किस देश के विरुद्ध कैसी युद्धक तैयारी कर रहा है । इसकी सूचनाये उपलब्ध करवा रहा है । इसी के चलते उसके भारत को आगाह किया है कि - चीन मिसाइलों को तैयार कर रहा है और अपने परमाणु जखीरे को दोगुना करने में लगा है । ये सूचनायें दर्शाती है कि - चीन समझौता अथवा सन्धि में दिलचस्पी नही दिखा रहा है । कोरोना का फैलाव, विस्तार वाद की निति और आक्रामक रुख - चीन शान्ति भंग करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है । द्वितीय विश्व-युद्ध के दौरान भी गुरु बृहस्पति - शनि से पीछे वाली राशि मे था, सूर्य सिंह-राशि मे था और मंगल भी स्वराशि में था । राहु-केतु बलवान थे । आज भी ऐसा ही है - इसलिये घटनाओं के घट जाने से आश्चर्य नही होना चाहिये । परन्तु सजग रहना और बचाव के साधन जुटाने का प्रयास अवश्य करना चाहिये ।
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